
सिद्धार्थनगर। लगन के मौसम में साइबर जालसाजों ने नया तरीका अपनाकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। जिले में पिछले एक माह में 15 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें व्हाट्सऐप पर शादी का निमंत्रण कार्ड बताकर एपीके फाइल भेजी गई। लोग इसे सामान्य निमंत्रण समझकर जैसे ही खोलते हैं, फाइल मोबाइल में इंस्टॉल हो जाती है और ठग पूरा डेटा चुरा लेते हैं।
पीड़ितों के अनुसार उन्हें उस समय जानकारी हुई जब उनके परिचित फोन कर पूछने लगे कि उनके नंबर से अजीब संदेश क्यों भेजे जा रहे हैं। शोहरतगढ़ के एक पीड़ित ने बताया कि शादी कार्ड बताकर भेजी गई फाइल डाउनलोड करते ही उनका मोबाइल किसी और के नियंत्रण में चला गया और उनके परिचितों को लगातार संदिग्ध फाइलें भेजी जाने लगीं।
साइबर थाने के विशेषज्ञों ने बताया कि ठग साधारण लिंक नहीं, बल्कि एपीके फाइल भेज रहे हैं। फाइल इंस्टॉल होते ही मोबाइल पर उनका पूरा नियंत्रण हो जाता है। कई बार बैंक विवरण, पासवर्ड, फोटो और निजी दस्तावेज भी इनके कब्जे में आ जाते हैं।
पीड़ित साइबर थाने पहुंचकर अपनी सेवाएं बहाल कराते हैं और शिकायत दर्ज कराते हैं। पुलिस ने ऐसे मामलों में जागरूकता को ही सबसे बड़ा बचाव बताया है।
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क्या करें, क्या न करें
अनजान नंबर से आई किसी भी लिंक, एपीके फाइल या फोल्डर को न खोलें।
किसी शादी कार्ड या निमंत्रण वाली फाइल को खोलने से पहले संबंधित व्यक्ति से पुष्टि करें।
मोबाइल में एंटीवायरस और नवीनतम सुरक्षा अपडेट रखें।
फोन हैंग होना, अपने आप रीस्टार्ट होना या संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत जांच कराएं।
बैंक ओटीपी, पासवर्ड या निजी जानकारी किसी से साझा न करें।
संदिग्ध गतिविधि होने पर व्हाट्सऐप, ईमेल और नेट बैंकिंग के पासवर्ड बदलें।
तुरंत शिकायत करें: साइबर हेल्पलाइन 1930
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“लोग बिना जांचे लिंक या फाइल खोल देते हैं, जिससे ठगी बढ़ रही है। शादी कार्ड के नाम पर भेजी जा रही फाइलें बेहद खतरनाक हैं। संदिग्ध फाइलें बिल्कुल न खोलें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर सूचना दें।”
— डॉ. अभिषेक महाजन, पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर







